एक अकेला पार्थ खड़ा हैं... भारतवर्ष बचाने को...!
सभी विपक्षी साथ खड़े हैं... केवल उसे हराने को...!!
भ्रष्ट दुशासन सूर्पनखा ने... मायाजाल बिछाया हैं...!
भ्रष्टाचारी जितने कुनबे... सबने हाथ मिलाया हैं...!!
समर भयंकर होनेवाला... आज दिखाई देता हैं...!
राष्ट्रधर्म का कृनदन... चारों ओर सुनाई देता हैं...!!
फेंक रहे हैं सारे पासे... जनता को भरमाने को...!
सभी विपक्षी साथ खड़े हैं... केवल उसे हराने को...!!
चीन और नापाक चाहते... भारत में अंधकार बढ़े...!
हो कमजोर वहाँ की सत्ता... अपना फिर अधिकार बढ़े...!!
आतंकवादी संगठनों का... दुर्योधन को साथ मिला...!
भारत के जितने बेरी हैं... सबका उसको हाथ मिला...!!
सारे जयचंद ताक में बैठे... केवल उसे मिटाने को...!
सभी विपक्षी साथ खड़े हैं... केवल उसे हराने को...!!
भोर का सूरज निकल चूका हैं... अंधकार घबराया हैं...!
कान्हा ने अपनी लीला में... सबको आज फँसाया हैं...!!
कौरव की सेना हारेगी... जनता साथ निभाएगी...!
अर्जुन की सेना बनकर के... नइया पार लगाएगी...!!
जय श्रीराम 🙏🚩